हमारे हिंदू धर्म में पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखती हैं और साथ ही कई उपवास भी रखती हैं।
उन्हीं के घरों में से एक त्यौहार गणगौर का त्योहार है।इस व्रत को राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात सहित देश के कई जगहों पर बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाओं के साथ कुंवारी कन्याए भी मनचाहा वर पाने के लिए यह व्रत रखती हैं।इस दिन सुहागिन और कुंवारी कन्याएं माता पार्वती और भगवान शिव की मिट्टी की मूर्ति बनाती हैं और दुर्वा और फूल से पूजा करती हैं।
होलिका दहन के साथ इस पर्व की शुरुआत हो जाती है, जो चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर के रूप में मनाया जाता है। इसलिए इस साल 8 मार्च से शुरू होकर 24 मार्च 2023 को समाप्त होगा। गणगौर की पूजा लगभग 17 दिन तक की जाती है।
Gangaur 2023: कब है गणगौर पूजा? क्या है इसका महत्व

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