भीषण गर्मी में लोग राहत की तलाश में मसूरी पहुंचते हैं। परंतु अब वहां भी गर्मी सताने लगी है। मैदानी क्षेत्रों की तरह गर्मी का अहसास हो रहा है। शहर में कई वर्षों के बाद तापमान बढ़कर 30 डिग्री तक पहुंच गया है। तापमान में अप्रत्याशित वृद्धि से शहरवासी चिंतित है। शहर में पहुंचे पर्यटक भी गर्मी के कारण दिन में ठीक से नहीं घूम पा रहे हैं।
शहर में पिछले कई वर्षों बाद तापमान 30 डिग्री तक पहुंच गया है। मसूरी के मौसम के लिहाज से 30 डिग्री तापमान बहुत अधिक माना जाता है। स्थानीय लोगो का कहना है कि मसूरी में लगातार हो रहे निर्माण कार्य, वन क्षेत्रों का सिकुड़ना, आबादी का तेजी से बढ़ना, कम संख्या में पौधरोपण और ग्लोबल वार्मिंग आदि लगातार बढ़ रहे तापमान का प्रमुख कारण है।
मसूरी में इतनी गर्मी पिछले दस सालों में कभी नही पड़ी है। कभी गर्मी पड़ी भी तो उसके एक दो दिन में बारिश हो जाती थी लेकिन अब तो मैदानी क्षेत्रों की तरह मसूरी में गर्मी का अहसास होने लगा है। शहर में अब तो सुबह से ही गर्मी पड़ रही है जो पहले कभी नहीं होता था।
मसूरी में कई दिनों से लगातार गर्मी पड़ रही लेकिन बारिश नही हो रही है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण पेड़ों की अवैध कटान है। बांज, देवदार, बुरांश के पेड़ों की संख्या लगातार कम हो रही है। मसूरी कंक्रीट के शहर में तब्दील हो रहा है। मालरोड में पहले बड़ी संख्या में पेड़ होते थे, अब बहुत कम देखने को मिल रहे। यह मसूरी के हित में नहीं है।
मसूरी में आज की तरह गर्मी कभी नहीं पड़ी। गर्मी के पीछे सबसे बड़ा कारण पेड़ों की कटान है। लगातार निर्माण कार्य हो रहे हैं।बड़े पेड़ कट रहे हैं लेकिन छोटे पौधे कम लग रहे। छोटा पौधा कब बड़ा होगा उसकी कोई गारंटी नहीं है। मालरोड में मैदानी क्षेत्रों की तरह गर्मी का अहसास हो रहा जो चिंताजनक है।
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