केदारनाथ में आई आपदा के बाद से एक पिता अपने जिगर के टुकड़े की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं। उनका बेटा इंजीनियर रुपिन सामरिया तपकुंड के सैलाब में लापता हो गया था। उनके पिता अमरचंद सामरिया राजस्थान के अजमेर के निवासी और एलआईसी एजेंट हैं, अब तक पुलिस से लेकर मुख्यमंत्री तक अपने बेटे की खोज के लिए गुहार लगा चुके हैं। रुपिन सामरिया का चार साल पहले आईआईटी रुड़की में चयन हुआ था और जुलाई में उसने अपना कोर्स पूरा किया। 27 जुलाई को दीक्षांत समारोह के बाद रुपिन ने अपने माता-पिता के साथ डिग्री हासिल की लेकिन समारोह के बाद वह अपने दोस्त धनेंद्र सिंह के साथ केदारनाथ यात्रा पर निकल गया जहां आपदा के दौरान वह लापता हो गया।
28 जुलाई को रुपिन और उसका दोस्त धनेंद्र ऋषिकेश से टैक्सी लेकर देवप्रयाग पहुंचे, जहां उन्होंने रात गुजारी। अगले दिन टैक्सी से गौरीकुंड पहुंचे और वहां से पैदल यात्रा शुरू की। लिंचोली में रात बिताने के बाद 30 जुलाई को केदारनाथ धाम के दर्शन किए। 31 जुलाई को धाम में आरती देखने के बाद दोनों ने रुड़की लौटने की योजना बनाई। जंगल चट्टी के पास भारी बारिश ने उनके सफर को कठिन बना दिया। रास्ते में रुपिन का फोन गिर गया जिससे वे एक-दूसरे का हाथ पकड़कर आगे बढ़े। तमाम मुश्किलों के बाद वे रात में गौरीकुंड पहुंचे और घर पर धनेंद्र के फोन से बात की।
अगली सुबह सोनप्रयाग पहुंचने पर पानी का जबरदस्त सैलाब आ गया, जिसने धनेंद्र को दूर तक बहा दिया। उसने देखा कि रुपिन खुद को ट्रैकिंग बैग की पट्टी से संभाल रहा था, लेकिन अचानक सब बदल गया। धनेंद्र बेहोश हो गया और जब होश आया तो रुपिन गायब था। धनेंद्र ने पुलिस को सूचित किया लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। तब से रुपिन के पिता अमरचंद सामरिया अपने बेटे की तलाश में पहाड़ों पर भटक रहे हैं, हर जगह बेटे की तस्वीर वाले पोस्टर चिपका रहे हैं, उम्मीद है कि कोई उनके बेटे का पता बता सके।
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