22 मार्च यानी आज पूरे देश में हिंदू नव वर्ष यानी विक्रम सम्वत 2080 की शुरुआत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हो गई है। 22 मार्च से शुरू हो रहे इस नववर्ष पर कई राजयोगों का निर्माण हो रहा है।
इसी के साथ चैत्र नवरात्रि के चलते आज यानी 22 मार्च को मंदिरों में भक्तों की भीड़ नजर आई सभी भक्त मां के मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे। नवरात्रि में पूरे 9 दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-उपासना की जाती है। माना जाता कि जिस वाहन पर सवार होकर देवी आती हैं, उस वाहन को शुभ-अशुभ फल का सूचक माना गया है। इसका प्रकृति से लेकर मनुष्य जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। ज्योतिष के अनुसार, माता रानी इस बार नौका में सवार होकर आएंगी ,नौका पर सवार होकर आना सर्वसिद्धिदायक होता है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को उनका प्रिय भोग लगाकर मां का आशीर्वाद पाया जा सकता है। ।
मां शैलपुत्री
माता शैलपुत्री हिमालय की पुत्री मानी जाती हैं, इसीलिए इनको सफेद रंग बहुत प्रिय है। इस दिन मां को गाय के घी का भोग लगाना शुभ माना गया है।
मां ब्रह्मचारिणी
इस दिन मां ब्रह्मचारिणी को अन्य भोग के अलावा शक्कर और पंचामृत का भोग लगाना चाहिए, इससे आपकी हर मनोकामना पूरी होगी।
मां चंद्रघंटा
मां को दूध से बनी मिठाइयां, खीर आदि बेहद पसंद है आप मां को दूध से बनी चीजों का भोग लगाएं, जिससे माता चंद्र घंटा अधिक प्रसन्न होती हैं।
मां कूष्मांडा
नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा अर्चना की जाती है और माता को मालपुए का भोग लगाया जाता है।
मां स्कंदमाता
पांचवें दिन दुर्गाजी के पंचम स्वरुप माता स्कंदमाता की पूजा की जाती है और माता को केले का भोग चढ़ाया जाता है।
मां कात्यायनी
माता कात्यायनी को भोग के रूप में लौकी, मीठे पान और शहद चढ़ाया जाता है।
मां कालरात्रि
माता कालरात्रि शत्रुओं का नाश करने वाली होती हैं। इस दिन देवी कालरात्रि को गुड़ से निर्मित भोग लगाना चाहिए।
मां महागौरी
माता महागौरी को नारियल का भोग बेहद पसंद है, इसीलिए नवरात्रि के आठवें दिन आप भोग के रूप में नारियल चढ़ाएं।
मां सिद्धिदात्रि
नवरात्रि का नौवां दिन माता सिद्धिदात्री का माना गया है। देवी सिद्धिदात्री को घर में बने हलवा-पूड़ी और खीर का भोग लगाकर कन्या पूजन करना चाहिए
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