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हमारे संन्तान धर्म में कई महान संत रहे ,आज हम आपको बता रहे राम बदरा आचार्य जी के बारे में इनका जन्म 1950 में उत्तर प्रदेश के जोनपूर मे हुआ,जन्म के सिर्फ दो महिने बाद इनकी आखों की रोशनी चली गई, जिसके कारण न तो ये पढ़ सकते है औन ही लिख सकते ह। लेकिन हैरानी की बात तो ये है की उन्हे चारो वेद कंठस्थ याद है,साथ ही इन्हे 22 भषाए आती है, यही नहीं उन्होने 80 से भी ज्यादा किताबे और गथों की रचना की है। इसी के साथ उन्हे साल 2015 में भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण मिल चुका है।
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