उत्तराखंड : जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव से जिला के लोग परेशान है,अपने अपने आशियाना को छोड़ने पर मजबूर हो गए है.वही अब
मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने जोशीमठ भू धंसाव क्षेत्रों से उन सभी भवनों को ध्वस्त करने के निर्देश दिए जो असुरक्षित हैं, और जिनमें दरारें आ चुकी हैं। उन्होंने प्रभावित परिवारों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव का कहना है की हमारे लिए एक-एक मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। मुख्य सचिव ने सोमवार यानी 9 जनवरी को सचिवालय में जोशीमठ भू-धंसाव के संबंध में शासन में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्र को जल्द से जल्द कराने को कहा है उनका कहना है की लोगों को जिस स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है, वहां पेयजल आदि की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
इसके साथ साथ उनका कहना है.की पेयजल विभाग को भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र में टूटी पेयजल लाइनों, सीवर एवं विद्युत लाइनों आदि को भी ठीक किया जाए। उन्होंने भू-धंसाव बढ़ने और विद्युत लाइनों से प्रभावित क्षेत्र में जानमाल का नुकसान न हो इसके लिए लगातार क्षेत्र पर नजर बनाए रखते हुए उच्चाधिकारियों को भी क्षेत्र में बने रहने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने भू-धंसाव क्षेत्र में टॉ इरोजन को रोकने के लिए आज से ही कार्य शुरू किए जाने के निर्देश दिये और कहा की जिन भवनों में दरारें आ चुकी हैं और जर्जर हो चुके हैं, उन्हें शीघ्र ध्वस्त किया जाए ताकि वे भवन और अधिक नुकसान न करें। जोशीमठ में 603 भवनों में दरारें आ चुकी हैं। डेंजर जोन में चिन्हित भवनों को सील कर दिया गया है।
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